मप्र में कांग्रेस हड़बड़ाहट में… अपने कार्यक्रम की भी जानकारी नहीं

मप्र में कांग्रेस हड़बड़ाहट में… अपने कार्यक्रम की भी जानकारी नहीं

भोपाल । मध्यप्रदेश में कांग्रेस का कार्यालय किस तरह से हड़बड़ाहट में चल रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में कांग्रेस को अपने कार्यक्रम की भी बराबर जानकारी नहीं है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय द्वारा एक परिपत्र जारी कर पूरे प्रदेश के कांग्रेसियों को गलत जानकारी दे दी गई। यह तो सभी को मालूम है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा 27 जनवरी को संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर की जन्मस्थली महू में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कांग्रेस द्वारा वर्तमान में चलाए जा रहे जय बापू-जय भीम-जय संविधान अभियान का इस मौके पर समापन होगा। इसके साथ ही कांग्रेस की एक वर्ष तक चलने वाली संविधान बचाओ पदयात्रा का शुभारंभ होगा। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त महामंत्री एवं संगठन प्रभारी डॉ संजय कांबले द्वारा कल प्रदेशभर के कांग्रेस के सभी जिला और शहर अध्यक्ष तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रभारी और सहप्रभारी बनाए गए कांग्रेस नेताओं के नाम पर एक परिपत्र जारी किया गया है। इस परिपत्र में कहा गया है कि 27 जनवरी को महू में केंद्रीय नेतृत्व व देशभर के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में एक आमसभा का आयोजन किया गया है। इस आमसभा के साथ कांग्रेस का जय बापू-जय भीम-जय संविधान अभियान शुरू होगा। जिस अभियान का समापन होना है, उसका प्रदेश कांग्रेस द्वारा शुभारंभ बताया जा रहा है। जिस अभियान का शुभारंभ होना है, उसकी कोई जानकारी इस परिपत्र में नहीं है। जिस कार्यक्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भाग लेने वाले हैं, उस कार्यक्रम के परिपत्र को जारी करने में इतनी लापरवाही बरती गई है कि इस परिपत्र में एक स्थान पर इस कार्यक्रम को 17 जनवरी का बता दिया गया है।

प्रभारी, सह प्रभारी लें बैठक
इस परिपत्र में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा विभिन्न शहरों में प्रभारी और सहप्रभारी बनाए गए नेताओं को यह निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने प्रभार के जिले में जाकर वहां पर ब्लॉक स्तर तक के नेताओं की बैठक लें। इन बैठक का एजेंडा केवल 27 जनवरी को होने वाला कार्यक्रम ही रहेगा। इसमें कहा गया है कि इस बैठक में सभी शहर, जिला अध्यक्ष, पदाधिकारी, मोर्चा संगठनों के पदाधिकारी, विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी, लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद एवं जिले के सभी वरिष्ठ नेताओं को बुलाया जाए।

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