वास्तु के इस नियम से बनवाएं अपना रसोईघर, सेहत के साथ घर में हमेशा रहेगी बरकत!

वास्तु के इस नियम से बनवाएं अपना रसोईघर, सेहत के साथ घर में हमेशा रहेगी बरकत!

रसोई, घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, न केवल भोजन पकाने का स्थान है बल्कि वास्तु शास्त्र में भी इसका विशेष महत्व है. वास्तु के अनुसार, रसोई में की गई कुछ गलतियां घर में नकारात्मक ऊर्जा ला सकती हैं और आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकती है. इसलिए, इन गलतियों को समय रहते सुधारना आवश्यक है. वास्तुशास्त्री अंशुल त्रिपाठी रसोईघर की कुछ गलतियों को यहां बता रहे हैं साथ ही उसका समाधान भी बताया है.

कुछ आम गलतियां और उनके सुधार:

सिंक और चूल्हे का आमने-सामने होना: वास्तु शास्त्र के अनुसार, सिंक (जल का स्त्रोत) और चूल्हे (अग्नि का स्त्रोत) को कभी भी आमने-सामने नहीं रखना चाहिए. यह विरोधाभास घर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है. अगर ऐसा है, तो दोनों के बीच कुछ दूरी बनाने का प्रयास करें या कोई विभाजन रखें.

टूटी-फूटी चीजें: रसोई में टूटे बर्तन या अन्य सामान नहीं रखने चाहिए. ये नकारात्मकता का प्रतीक होते हैं.

गंदगी: रसोई को हमेशा साफ रखना चाहिए. गंदगी से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है.

कूड़ेदान का गलत स्थान: कूड़ेदान को इस तरह रखें कि वो घर के मुखिया की पीठ की ओर न हो.

नल से टपकता पानी: नल से पानी टपकना आर्थिक नुकसान का संकेत माना जाता है. टपकते नलों को तुरंत ठीक करवाएं.

दक्षिण दिशा में मुंह करके खाना बनाना: दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाना अशुभ माना जाता है. पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाना बेहतर है.

शौचालय के ऊपर या नीचे रसोई: रसोई को कभी भी शौचालय के ऊपर या नीचे नहीं बनाना चाहिए.

जूठे बर्तन छोड़ना: रात भर या लंबे समय तक जूठे बर्तन रसोई में नहीं छोड़ने चाहिए.

इन सब के अलावा रसोई की दीवारों पर हल्के रंग का पेंट करें. इसके अलावा यहां पर पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए.

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *