कौन पहन सकता है एक मुखी रुद्राक्ष? जानें धारण करने के नियम, सावधानियां और महत्व

कौन पहन सकता है एक मुखी रुद्राक्ष? जानें धारण करने के नियम, सावधानियां और महत्व

रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है. इसे न सिर्फ एक धार्मिक आभूषण के रूप में देखा जाता है, बल्कि इसके अद्भुत लाभ और शक्ति के कारण इसे विशेष महत्व दिया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी.इ से धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. रुद्राक्ष विभिन्न मुखों (फेस) के होते हैं और हर प्रकार के रुद्राक्ष का अपना अलग महत्व और प्रभाव होता है. 14 प्रकार के रुद्राक्षों में से एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे शक्तिशाली और दुर्लभ माना जाता है.

एक मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक है और इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में अद्भुत परिवर्तन आ सकते हैं. इसे आत्मज्ञान, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए सर्वोत्तम माना गया है. जो लोग ध्यान, योग और साधना करते हैं, उनके लिए यह रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है. इस रुद्राक्ष को पहनने से न केवल भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिलाने में भी सहायक होता है. यह मन को शांत करता है, बुरी आदतों से बचने में मदद करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है.

एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने के नियम

    एक मुखी रुद्राक्ष को सावन महीने के सोमवार, अमावस्या, पूर्णिमा या फिर महाशिवरात्रि के दिन धारण करना शुभ माना जाता है.
    इसे पहनने से पहले गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करना चाहिए.
    इसे सोने, चांदी या पंचधातु की चेन या काले धागे में पहनना चाहिए.
    धारण करने से पहले ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें.
    इसे धारण करने के बाद इसे अपने शरीर के पास ही रखना चाहिए और उतारने के बाद सुरक्षित स्थान पर रखें.

एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ

    अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है.
    आत्मविश्वास और मानसिक शांति बढ़ाता है.
    ध्यान और साधना में सहायता करता है.
    नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है.
    आर्थिक समृद्धि और सफलता प्रदान करता है.
    स्ट्रेस और चिंता को कम करता है.
    स्वास्थ्य से जुड़े लाभ मिलते हैं.

कौन कर सकता है एक मुखी रुद्राक्ष धारण?
वैसे तो एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की कोई बाध्यता नहीं है, लेकिन इसे धारण करने से पहले किसी जानकार से परामर्श लेना जरूरी होता है. खासतौर पर जिन लोगों की कुंडली में चंद्र या शनि से संबंधित दोष होते हैं, उनके लिए यह अत्यधिक लाभकारी माना जाता है. हालांकि इसे धारण करने के लिए लाल धागे के साथ पेंडेंट के रूप में पहनना चाहिए. कभी भी इसे काले रंग के धागे में नहीं पहनें इससे अशुभ प्रभाव पड़ता है. इसे धारण करने से पहले रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप करना चाहिए.

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *