अमेरिका में होनी वाली हैं टीचर्स की भारी कमी, सरकार पर नए टीचर्स की भर्ती करने का दबाव

अमेरिका में होनी वाली हैं टीचर्स की भारी कमी, सरकार पर नए टीचर्स की भर्ती करने का दबाव

वाशिंगटन। अमेरिका में आने वाले समय में टीचर्स की भारी कमी होने वाली है। पिछले दो दशक में टीचर्स के द्वारा अपना पेशा छोड़ने का सिलसिला सबसे ज्यादा है। हर साल 11 प्रतिशत टीचर्स अमेरिका में स्कूल छोड़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में ये आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ गया। इसके बाद से ही स्कूलों में टीचर्स की कमी एक बड़ी चुनौती बनी है। इसके बाद अब अधिकारियों पर दबाव है कि वे नए टीचर्स को भर्ती करने के साथ-साथ मौजूदा टीचर्स को रोकने का काम करें।एक रिपोर्ट में 40 राज्यों में 2016 से 2021 तक स्कूल छोड़ने वाले टीचर्स के आंकड़े का विश्लेषण हुआ है। स्टडी में सामने आया है कि कोविड के पहले साल में टीचर्स की नौकरी छोड़ने की दर में थोड़ी कमी देखने को मिली, लेकिन अब ये दर 1999 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। ये अंतर अलग-अलग स्कूल जिलों में भी अलग-अलग है।
मौजूदा वक्त में टीचर्स के नौकरी छोड़ने की कई सारी वजहें हैं, इसमें मुख्य वजह सैलरी में असमानता, काम करने की खराब स्थिति और कॉन्ट्रैक्ट पर टीचर्स रखने का बढ़ता चलन शामिल हैं। एक स्टडी के अनुसार, एक टीचर्स की शुरुआती सैलरी का उसके करियर पर लंबे समय तक असर डालती है। रिसर्च में 6,200 से अधिक टीचर्स पर नजर रखी गई। इसमें पाया गया कि सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले टीचर्स की सालाना कमाई सबसे कम वेतन पाने वालों से 40,000 डॉलर ज्यादा थी। ये अंतर अगले पांच सालों तक ऐसा ही रहता है। रिपोर्ट में बताया गया है, कम शुरुआती वेतन वाले टीचर्स के पेशा छोड़ने की संभावना भी ज्यादा रहती है। खासकर अगर उनके जीवनसाथी की कमाई ज्यादा हो। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि टीचर्स को काम करने के लिए अच्छा माहौल भी नहीं मिल पा रहा है, जिस वजह से उन पर तनाव और दबाव बढ़ रहा है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *