कांग्रेस में होगा एक्शन, तैयब, त्रिलोक और चंद्रप्रदीप पर लटकी कार्रवाई की तलवार

कांग्रेस में होगा एक्शन, तैयब, त्रिलोक और चंद्रप्रदीप पर लटकी कार्रवाई की तलवार

बिलासपुर। नगर निगम चुनाव बिलासपुर में कांग्रेस के टिकट बंटवारे को लेकर खूब हंगामा मचा। इस दौरान बगावत के साथ-साथ मीडिया में खुलकर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और ग्रामीण के खिलाफ बयानबाजी भी हुई। विवाद का सिलसिला यहीं नहीं थमा कांग्रेस के मेयर उम्मीदवार प्रमोद नायक के चुनाव तैयारी को लेकर आयोजित बैठक के पहले एक पूर्व पार्षद ने मीडिया के सामने टिकट वितरण को लेकर जमकर हल्ला किया। इन मामलों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी काफी गंभीर है। शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय पांडे ने तो दावा भी कर दिया है कि जल्दी अनुशासन तोडऩे वालों के खिलाफ पार्टी एक्शन लेगी। कांग्रेस में निगम चुनाव को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। वार्ड क्रमांक 13 के प्रत्याशी श्याम पटेल ने ओबीसी प्रमाण पत्र जमा नहीं किया। पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।

बाहरी प्रत्याशी को टिकट देने पर हंगामा
वार्ड नंबर 15 में बाहरी प्रत्याशी हीरालाल यादव को टिकट दिए जाने पर पूर्व पार्षद अखिलेश बाजपेयी ने नाराजगी जताई। शहर अध्यक्ष विजय पांडेय और अन्य नेताओं के बीच प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विवाद बढ़ गया। कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव को मामले को शांत कराना पड़ा।

त्रिलोक-तैयब का पार्टी पर गंभीर आरोप
मेयर पद के दावेदार त्रिलोक श्रीवास और पूर्व पार्षद तैयब हुसैन ने कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी और शहर अध्यक्ष पर भाजपा से मिलीभगत कर टिकट बांटने का आरोप लगाया। दोनों नेताओं ने दावा किया कि कांग्रेस की टिकटें भाजपा के इशारे पर फाइनल की गईं।

टिकट वितरण में नाराजगी
वार्ड नंबर 23 में राजन रिजवी की पत्नी को टिकट मिलने से विवाद खड़ा हुआ। स्थानीय नेताओं का आरोप है कि उन्हें पार्टी सिद्धांतों के विपरीत बाहरी उम्मीदवार को मौका दिया गया। वहीं, वार्ड 24 में प्रलय शर्मा राजा को टिकट दिए जाने पर भी सवाल उठाए गए हैं।

जिलाध्यक्ष का जवाब
जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी ने 7 ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट दिया है। उन्होंने आरोप लगाने वालों को कांग्रेस विरोधी बताया।

पार्टी में अनुशासनहीनता पर चिंता
पार्टी में अनुशासनहीनता और आरोप-प्रत्यारोप से कांग्रेस की छवि प्रभावित हो रही है। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩे वाले नेताओं और विवादों ने पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

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